क्या आपको पता है कि जो पेंट हम घर की दीवारों पर इस्तेमाल करते हैं उसमें मिश्रित लेड (Lead) हमारे बच्चों के लिए कितना नुकसानदायक होता है | आम तौर पर इस चीज़ के बारे में किसी को पता ही नहीं होता | आजकल हम सब सिर्फ बाहरी वातावरण में हो रहे प्रदुषण के बारे में बातें करते हैं, और अपने घर की हवा को बिलकुल साफ़ समझते हैं | जबकि असलियत इस से काफी अलग है |
आगे बढ़ने से पहले आपको लेड (Lead) से बच्चों को होने वाले नुकसानों के बारे में बताते हैं |
हमारे देश में शायद ही कोई पेंट खरीदने से पहले ये सोचता है की उसमें कितना लेड है | लेकिन ये ज़िम्मेदारी हमारी सरकार और उस पढ़े लिखे तबके की बनती है जो अपने आपको समाज का ठेकेदार समझते हैं कि वो लेड वाले पेंट्स पर प्रतिबंद लगवाएं | अमेरीका में 1978 से ऐसे सभी पेंट्स पर प्रतिबन्ध है जिनमें लेड की मात्रा 600ppm से अधिक है | Nov-Dec 2006 में भारत में हुए एक सर्वे में यह पाया गया की 60% इनेमल पेंट्स में लीड की मात्रा 5000ppm से भी अधिक है, जबकि Yellow इनेमल पेंट में ये मात्रा अधिकतम 140,000ppm तक है |
ISI ECO मार्क कुछ ऐसा दीखता है
आगे बढ़ने से पहले आपको लेड (Lead) से बच्चों को होने वाले नुकसानों के बारे में बताते हैं |
- लेड से बच्चों के दिमागी विकास में रूकावट आती है |
- कई बार ये रूकावट ऐसी होती है जिसे दवाइयों से भी ठीक नहीं किया जा सकता |
- लेड के जहर से बच्चों में हमेशा के लिए कम बौधिक क्षमता हो जाती है |
- बच्चों की कुछ नया सीख पाने की क्षमता भी खत्म हो जाती है |
लेड किस तरह हमारे और बच्चों के शारीर में पहुचता है
लेड सांस के जरिये या दीवारों की पपड़ी खाने से बच्चों के शारीर में पहुचता है | छोटे बच्चे अपना ज्यादातर समय अपने घर में बिताते हैं , और अक्सर दीवारों के कोनों को काटते हैं या मिटटी खाते हैं जिससे अनजाने में वो लेड का शिकार बन सकते हैं |हमारे देश में शायद ही कोई पेंट खरीदने से पहले ये सोचता है की उसमें कितना लेड है | लेकिन ये ज़िम्मेदारी हमारी सरकार और उस पढ़े लिखे तबके की बनती है जो अपने आपको समाज का ठेकेदार समझते हैं कि वो लेड वाले पेंट्स पर प्रतिबंद लगवाएं | अमेरीका में 1978 से ऐसे सभी पेंट्स पर प्रतिबन्ध है जिनमें लेड की मात्रा 600ppm से अधिक है | Nov-Dec 2006 में भारत में हुए एक सर्वे में यह पाया गया की 60% इनेमल पेंट्स में लीड की मात्रा 5000ppm से भी अधिक है, जबकि Yellow इनेमल पेंट में ये मात्रा अधिकतम 140,000ppm तक है |
ऊपर दी हुई जानकारी के अनुसार BIS या ISI मार्क लगाये बगैर आप कैसा भी पेंट मार्किट में बेच सकते है | BIS मार्क लगाना कोई जरूरी चीज़ नहीं है | कोई भी पेंट खरीदने से पहले ये जरूर देखें की उस पर ISI ECO मार्क है या नहीं | ISI ECO मार्क का मतलब है की उस में लेड 1000ppm से कम है |The paint industry is regulated by the Bureau of Indian Standards (which is voluntary) for the maximum content of lead in paint and is governed by IS 15489:2004 - Paints, EmulsionSpecification, superseding IS 5411 (Part 1): 1974 and IS 5411 (Part 2): 1972 (Bureau of Indian Standards, 2004). The Specific Requirements of Standard IS 15489 : 2004 in subsection 6.12.2.2 states that , “The product shall not contain more than 0.1 percent by mass (as metal), of any toxic metals such as lead, cadmium, chromium (VI) and their compounds when tested by the relevant Atomic Absorption Spectrophotometric methods”.This standard also includes a scheme for labeling environment friendly product known as Eco Mark introduced by Ministry of Environment and Forests (MoEF) and is administered by the Bureau of Indian Standards (BIS) under the BIS Act, 1986 as per the Resolution No. 71 dated 20th February, 1991 published in the Gazette of Government of India. As the requirement for lead to be below 0.1 percent (1000 ppm) comes under optional scheme of ECO-Mark, a paint product labeled ISI (thereby confirming to the BIS voluntary standards) may not contain lead below 1000 ppm unless it also has ECO Mark.As the BIS standard is voluntary in nature (unlike certification), the paint manufacturers need not necessarily meet BIS specifications and the Indian paint industry is virtually unregulated for the lead content.Reference : https://cdn.cseindia.org/userfiles/lead_paints.pdf
ISI ECO मार्क कुछ ऐसा दीखता है
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